South Facing House Plan-दक्षिण मुखी घर का प्लान
वास्तुशास्त्र के अनुसार सनातन संस्कृति मे south facing में घर बनाना वर्जित है लेकिन आज के समय मे जगह के अनुसार अगर दक्षिण द्वार का प्लाट लेना पड़ ता है ओर फिर भवन का निर्माण भी करना पड़ता है |
अगर आपने साउथ फेसिंग प्लाट लिया है तो घर बनाने से पहले कुछ ध्यान रखकर आप अपने घर को सुंदर व वास्तु दोष रहित भवन का निर्माण कर सकते है
आपको वास्तुशास्त्र के कुछ नियम है जो आपको अपने सपनों के महल को कुछ हद तक आपको वास्तुशास्त्र का पालन करने की राह दिखाता है इसलिए आप अपने घर में बिना किसी संकोच के रह सकते है बस कुछ नियम है south facing घर का मुख्य द्वार यह plan 45X28 फिट साइज़ में बनाया हुआ है
आप भी अपना plan में दक्षिण दिशा के मुख्यद्वार वाले भवन का जिस जगह पर द्वार रखने का परामर्श देते है आपका 50% vastu का सुधार हो जायेगा आप अपने घर में ये प्लान जिस तरह से बताया गया है उसी तरह आपको मुख्य द्वार रखना है दक्षिण-पूर्वी कोण मे रखना है दिखाया गया है इसी तरह रसोईघर व् बेडरूम बाथ रूम बनाने की करे काफी हद तक वास्तु दोष का निवारण हो जायेगा
आप अपने घर में इसके अलावा आपको south facing घर के द्वार पर कुछ वास्तु tips का प्रयोग कर सकते है द्वार के सामने बड़ा दर्पण लगा दीजिये जिस से आपके घर में आने वाली नकारात्मक उर्जा वापस रिप्लेक्स हो जायेगा
इसके अलावा अगर आप के south facing घर बनाया है तो आप घर के मुख्य द्वार के सामने पंचमुखी हनुमानजी की तस्वीर लगा दे और मुख्य द्वार के उपर अंदर बाहर श्रीगणेश जी की मूर्ति लगाना है मूर्ति 8'' इंच से बड़ी नहीं होनी चाहिए और अंदर बाहर इस तरह लगाये जिससे श्री गणेश जी की पीठ नहीं दिखनी चाहिए
south facing द्वार पर स्वस्तिक बनाने की जरूरत है स्वस्तिक 8 ऊँगली के बराबर हो और सिन्धुर में बनांये south facing घर के बाहर लाल कलर का पेंट करे जिससे आपकी घर की नकारात्मक शक्ति का प्रभाव कम होगा south facing घर के सामने अगर नीम का पेड़ होतो आपका वास्तु दोष काफी सुधार हो सकता है vastu के अनुसार अगर आपको यहा plan में बताया गया है उस प्रकार से आपको भी अगर south facing घर का नक्शा बनवाना हो तो आप कमेन्ट में लिखे हम समय मिलने पर आपकी प्लाट के साइज़ का plan बनाकर पोस्ट करें
disclaimer यह लेख vastu सम्बधित जो भी लिखी गई है ये बाते वास्तुशास्त्र पंचांग व् कथा के माध्यम से जानकारी अर्जित की हुई है इसलिए आप अपने लेवल से उपयोग करे या किसी वास्तुशास्त्र के जानकार से सम्पर्क करे लेख को सिर्फ एक जानकारी समझे