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vastu,makan ke liye kis sthan pr kiya hona chahiye

 मकान के लिए किस  स्थान पर किया होना चाहिए, makan ke liye kis sthan pr kiya hona chahiye

किसी स्थान पर भी रहने [ वास करने ] से पहले यह देख लेना अनिवार्य हो जाता है की अमुक स्थान हमारे योग्य है की नहीं है या अमुक स्थान हमरे लिए सुरक्षित रह सकता या नहीं ? कभी कभी इच्छानुसार क्रय किया हुआ स्थान भी हानिकारक सिद्ध हो जाता है |अत: भवन निर्माण करने से पहले यह विचार करना आवश्यक है किस शहर नगर के मोहल्ले में रहा  जाय जहा पर हम सुरक्षित रह सके 
ज्योतिष शास्त्र  में मुहर्त  विचार की शाखा स्वर शास्त्र का यह कथन हैकि प्रत्येक व्यक्ति के लिए नगर या मोहल्ला भवन निर्माण  के लिए उपयुक नहीं होता है वस्तुत : प्रत्येक व्यक्ति को स्वर शास्त्रीय  सिधांत के अनुसार यह निश्चित कर लेना  चाहिए की इस जगह पर रहना अच्छा है की नही मोहल्ले में किस दिशा में रहना है इस के लिए कुछ लेख है 

नाम राशि कोनसी -ग्रहण  करे 

भारत वर्ष में दो प्रकार के  नामो  की प्रधानता है राशिनाम और प्रचलित नाम |राशी का नाम जन्म नक्षत्र  के चरणाक्षर  के अनुसार रखा जाता है और प्रचलित नाम वह है जो लोक व्यवहार में प्रचलित [बोला जाता है ] कई बार नामो में संदेहास्पद स्थिति आ जाती है  जो की स्वाभाविक है अत: इस सबंध में शास्त्रीय मत को समझ लेना चाहिए 

शास्त्रीय मत : 

समस्त शुभ कार्य में यात्रा में  ग्रह गोचर विचार में जन्मराशि की प्रधानता है नाम राशि का विचार नहीं करे देश ग्राम गृह युद्ध  सेवा [नोकरी] व्यवहार [मुकदमा या व्यापार] में नाम राशि का विचार प्रधान है जन्म राशि का विचार नहीं करें जिसकी जन्म राशि मालूम नहीं हो वह उसके समस्त काम प्रचलित नाम राशि से करना चाहिए 
कभी कभी एसी स्थिति भी आ जाती है जैसे एक व्यक्ति के कई नाम हो तो केसे  उसकी राशि जाने तो इसके लिए उस आदमी को शास्त्रीय भाषा में कहा गया है उस आदमी को नींद में हो और जिस नाम की आवाज से उठ जाये उस राशि से भी अपने काम कर सकते है 
राशि ,वर्ण ,स्वर नाम का प्रथम अक्षर ही ग्रहण किया जाता है जैसे किसी का नाम अनिल है तो उसके नाम का प्रथम अक्षर 'अ' के अनुसर ही राशि मेष हुई यह भी ध्यान रखने का है नगर मोहल्ले या शहर की नाम के राशि से हको भी व्यवहार में लाया जाये 

वर्ग ,वर्ग के वर्ण ,वर्गेश  वर्ग संख्या और दिशा 

varg talika aap apna varg ko jankari pa sakte hai


वर्ग  तालिका 
इसके लिए  निम्न  तालिका  को समझाना  आवश्यक है जिसमे आंठो  वर्ग और उनके  वर्ण वर्गेष व् वर्ण संख्या  दिशा का निर्धारण किया गया है  वर्ग तालिका का प्रयोग करके आप विस्तार से समझ सकते है 

नगर एवं मोहल्ले का चयन :-

विद्वानों ने ऐसे दो प्रकार से समझाया है 
  1. नगर या मोहल्ले और व्यक्ति के नाम राशि यो से विचार 
नगर या मोहल्ले और व्यक्ति की काकिणी संख्या से विचार 


नगर या मोहल्ले और व्यक्ति के नाम राशियो से विचार 


व्यक्ति की नाम राशि से नगर या  मोहल्ले की राशि [जहा उसे रहना है ]2,5,9,10,या 11 वी है तो उसे शुभ समझना और अगर नगर या मोहल्ले के नाम राशि से 1,3,4,6,7,8,12, है तो यह इस राशि वाले के लिए अशुभ शत्रु  व् रोग  होने की सम्भावना इसलिए इस  से बचना श्रेष्ठ है 
व्यक्ति नगर या मोहल्ले की नाम राशि ज्ञात करने के लिए  निम्न तालिका  राशि चक्र की सहायता ली जा सकती है 

मेष - चू, चे, चो ,ला,ली ,लू, ले,लो,आ,

वृष -इ,उ,ए,ओ,वा,वी,वू,वे,वो,
मिथुन -का,की,कु,घ,ड,छ,के,को,हा,
कर्क -ही,हु,हे,हो,डा,डी,डू,डे,डो,
सिंह-माँ,मी,मु,में,मो,टा,टी,टू,टे
कन्या -टो,पा,पी,पु,ष,ण,ठ,पे,पो,
तुला-रा,रि,रू,रे,रो,ता,ती,तू,ते,
वृश्चिक-तो,ना,नि,नु,ने,नो,या,यु,यी,
धनु-ये,यो,भा,भी,भू,धा,फा,दा,भे,
मकर-भो,जा,जी,खी,खु,खे,खो,गा,गी,
कुम्भ-गे,गो,गु,सा,सी,सु,से,सो,दा,
मीन- दी,दू,थ,झ,दे,दी,चा,ची,
इस राशि तालिका से आपको नगर मोहल्ले एवं नाम राशि विचार चक्र के अनुसार राशि  का प्रयोग करना चाहिए 
उदाहरण:अनिल नाम का व्यक्ति जो मेरठ नगर में भवन का क्रय या निर्माण करना चाहता उसका नाम राशि मेष  है नगर या मोहल्ले की यानि मेरठ की नाम राशि सिह है  एवं नाम राशि चक्र में देखा तो सिह राशि शुभ है अत: अनिल नाम का व्यक्ति मेरठ में भवन या निर्माण कर सकते है  इसी प्रकार आप दूसरी राशि  के लिए भी के अनुसार स्थिति देख सकते है 


तालिका -नगर या मोहल्ला एवं नाम राशि चक्र 

यदि  किसी के लिए नगर या शहर शुभ नहीं है और उसकी नाम राशि और मोहल्ले  की  नाम राशि से  विचार करके देखना चाहिए  मोहल्ला शुभ है या नहीं अगर मोहल्ला शुभ है तो मोहल्ले में भवन क्रय या निर्माण क्र सकते है मान लीजिये 
अनिल मेरठ नगर  की शास्त्री नगर  कालोनी में भवन क्रय करना चाहता है |अनिल की राशि मेष है और शाश्त्री नगर की राशि कुम्भ है नगर या मोहल्ले की राशि के अनुसार नाम राशि चक्र में देखा तो मेष राशि कुम्भ राशि के लिए शुभ है
 यदि नगर या शहर अनुकूल नहीं है तो कालोनी के अनुसार विचार करना चाहिए  और अगर नगर या मोहल्ले की राशि व् व्यक्ति की एक ही राशि है तो सम या नि  न फायदा न नुकसान  अगर नगर मोहला या कालोनी  में से कही भ अनुकूल नहीं है तो वहा पर भवन निर्माण या क्रय करना  नुकसान दे सकता है क्योकि वहा व्यक्ति को कष्ट पीड़ा  परशानी या दुःख का सामना करना पद सकता है 

नगर या मोहल्ले और व्यक्ति  की काकिणी संख्या से विचार 

इस विचार के लिए व्यक्ति की काकिणी  संख्या का साधन करना पड़ता है काकिणी संख्या ज्ञात करने का नियम इस प्रकार है 
व्यक्ति की वर्ग संख्या को दो गुना करके नगर की वर्ग संख्या जोडकर योग फल में 8 का भाग दे ने पर जो शेष जो बचे वो उस व्यक्ति की काकिणी संख्या है 
उदाहरन के लिए अनिल मेरठ नगर में अगर भवन क्रय या निर्माण करना चाहता है उसकी काकिणी संख्या ज्ञात करने के लिए निम्न विधि अपनानी होगा 
अनिल का वर्ग अ वर्ग है जिसका वर्गेष गरुड़ है और वर्ग संख्या 1 है और मेरठ का वर्ग प वर्ग है वर्गेष मूषक है और वर्ग संख्या 6 है अत: अनिल के वर्ग संख्या 1 को दुगुना करने पर 2 होता है और मेरठ के वर्ग संख्या 6 को जोड़ने पर 8 होते है और 8 में 8 का भाग देने पर 0 बचता है यानि अनिल की काकिणी संख्या 0 है अत: मेरठ की काकिणी संख्या ज्ञात करने के लिए मेरठ के वर्ग संख्या 6 को दो गुना करने पर 12 व् अनिल की वर्ग संख्या 1 का योगफल कुल 13 हुआ और 13 में भाग में 8 का भाग देने पर शेष 5 बचे यानि मेरठ की काकिणी संख्या 5 है इसी तरह से हम काकिणी संख्या ज्ञात क्र सकते है इसके लिए हमने नगर व् व्यक्ति काकिणी संख्या फल ज्ञान चक्र दिया गया है आप इसके अनुसार भी देख सकते है 
अगर नगर की काकिणी संख्या व्यक्ति की काकिणी सख्या से काम हैतो व्यक्ति के लिए अच्छा है अगर व्यक्ति की काकिणी संख्या से नगर या मोहले की काकिणी संख्या अधिक है तो वह नगर उस व्यक्ति के लिए अच्छा नहीं है 
व्यक्ति की काकिणी संख्या नगर की काकिणी संख्या से जितनी अधिक होगी उस व्यक्ति के लिए उतना ही अच्छा होगा 

नगर व व्यक्ति   काकिणी संख्या व् फल ज्ञान चक्र   



दिशा चयन करने की विधि 

नगर या मोहल्ले का चुनाव करने के बाद अब प्रश्न यह उठा है की उस नगर के किस दिशा में भवन यका निर्माण या क्रय करे 


यहा दिशा का चयन भी वर्ग के अनुसार करना होगा अपने वर्ग से पंचम वर्ग शत्रु  का वर्ग होता है जैसे गरुड के वर्ग से पाचवा वर्ग सर्प शत्रु है अत: स्पष्ट है की ये परष्पर एक दुसरे के लिए अशुभ है  कहने का मतलब व्यक्ति को चयनित नगर में अपने से पाचवा वर्ग की दिशा को छोडकर किसी भी एनी दिशा में निवास केलिए भूमि क्रय करभवन निर्माण करना चाहिए यदि व्यक्ति अपने ही वर्ग की दिशा में निवास करे तो वह सर्वोतम माना गया है  इसके लिए निचे दीगई तालिका की सहायता ले सकते है आपको हमारा vastu शास्त्र के अनुशार जो जानकारी दी गई है आपको कैसी लगी आप भी vastu संबधित कोई जानकारी चाहिए तो हमे कमेन्ट जरुर करे में आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करूंगा 
shubha shubh ank talika





आप इस तालिका में शुभा शुभ देख सकते है 

disclaimer-यह लेख पूर्ण vastu शास्त्र के अनुरूप लिखा गया है इसलिए https://homebasic12.blogspot.com इसकी पुष्टि नहीं करता है आप किसी वास्तुविद की सहायता ले सकते है 

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