Vastu Shastra se Janiye Bhumi ki Priksha Kaise Karen,
Janiye Bhumi ki Priksha Kaise Karen,
- आकृति की दृष्टि से
- ढाल की दृष्टी से
- परत की दृष्टि से
- वर्ण की दृष्टि से
- उर्वराशक्ति की दृष्टि से
- गंध की दृष्टि से
- स्वाद की दृष्टि से
- सम्मुख दिशा की दृष्टि से
- वास्तुविघ्न की दृष्टि से
- भूमितल में व्याप्त वस्तुओ की दृष्टि से
1 आकृति की दृष्टि से अगर आपके भूखंड की साइज़ इस प्रकार नहीं होनी चाहिए की पीछे की साइड में ज्यादा चौड़ा नही होना चाहिए व् आकार में वर्गाकार या आयताकार भूमि का ही चयन करना चाहिए 2 भूमि की मिटटी के वर्ण गंध व् स्वाद के अनुसार परिक्षण करे
3 भूमि में 2 फिट गहरा 2 फिट चौड़ा 2 फिट लम्बा खड्डा खोदे संध्याकाल के समय इसमें पानी भरदे व् अगले दिन प्रात: काल निरिक्षण करे | आधे से ज्यादा बचा है तो परत की दृष्टी से बहुत अच्छी भूमि है अगर पानी सुख गया है तो भी सामान्य भूमि है अगर पानी सुख गया और दरारे पड़ गई तो यह भूमि भवन के लिए अनुउप्युक्त है ऐसी भूमि खरीदने से बचे
4.नलकूप गाड़ने वाले से 10'6'' का गड्डा करवाए 4 इंच पायप लेकर के उपर नीचे करके मिटटी निकले रेती या पानी आने लगे तो भूमि पोपली है और अगर मिटटी ए तो ठीक है
5.अगर भूमि में फसल या पेड़ है तो उन्हें देख कर उर्वराशक्ति का पता लगाया जासकता है यह परीक्षण घास या दुब को देखकर किया जा सकता है अगर वह जमीन जुती हुई है तो कुछ चने के दानो को पानी में 8 घंटा डाल दे फिर भूमि में बो दे फिर एक हप्ते में परिणाम सामने आ जायेगा उजला वर्ण व् नमकीन स्वाद वाली भूमि उर्वरा ही होती है
नीव की खुदाई करते समय भूमि की मिटटी के अंदर से अगर निकलने वाली सामग्री का अध्यन करे
शुभ:- भूखंड वह होता है जिसे खुदाई में शंख , गो श्रंग शालिग राम की आकृति के पत्थर ,ईट धातु मुद्रा स्वर्ण आदि निकले तो शुभ माना जायेगा
अशुभ :- भूमि जहा से दीपक सर्प अंडा कौड़ी फटा हुआ कपड़ा हड्डी केश नाख़ून आदि निकले तो भूमि ठीक नहीं है. मुख्य लक्षण अच्छे है तो कुछ निरिक्षण करवाया जाये