Vastu vishleshan kya hai,वास्तु विशलेषण क्या है पार्ट 1दिशा के लिए यह देखे
vastu में सबसे महत्त्व पूर्ण कार्य किसी भवन या भूखंड vastu विश्लेषण करना होता है vastu का अनुपम सिध्धांत भवन का उत्तर एव आकाश पूर्वी भाग से दक्षिण पश्चिम भाग ऊँचा होना चाहिए
पहले तीन सिद्धांत पृथ्वी तत्व से संबधित है चोथा सिद्धांत जल तत्व से संबधित है पांचवा सिद्धांत अग्नि तत्व से सम्बधित है छठा व् सातवा सिद्धांत वायु व् आकाश तत्व से सम्बधित है भवन में जल स्रोत इशान कोण में बना होना चाहिए भवन में जल इशान पूर्व या उत्तर दिशा से आना चाहिए और इन्ही दिशाओ के जल का बाहर जाना चाहिए
भूखंड शुभ आकार का होना चाहिए भवन में वायु के लिए दरवाजा व् खिड़कियों सम संख्या में होनी चाहिए दीवारों के कोनो में खिडकिया कभी भी नहीं बनाये भवन का ढलान हमेश उत्तर पूर्व या इशान कोण में होना चाहिए
भवन में रसोईघर हमेशा अग्नि कोण में हि होना चाहिए,विधुतीकरण संबधित उपकरण हमेशा अग्नि कोण में ही होना चाहिए ऐसा करने से घर के लोगो को अग्नि सम्बधित दुर्घटना होने का भय नहीं रहता है भूखंड के ईशानकोण में विस्तार एवं अग्नि कोण में घटा हुआ होना चाहिए.
vastu विश्लेषण कैसे करे
किसी भी भवन या भूखंड का vastu विश्लेषण करने के लिए सबसे पहले उसके आकार पर विचार करना चाहिए भूखंड शुभ आकार का होना चाहिये कोण में शुभ आकार के भूखंड की चर्चा हम आगे पोस्ट में करेंगे वर्गाकार ,आयताकार,भद्रासन , छ: कोण वाला आठ कोण वाला वृताकार शुभ आकार के भूखंड के बारे में हम आगे पोस्ट में बात करेंगे
सिह्मुखाकर भूखंड व्यवसाय के लिए शुभ होता है और गोमुखिकार भूखंड निवास के लिए शुभ होते है
भूखंड के आकार पर विचार करने के बादमे भूखंड के विस्तार एव निवास पर विचार करना चाहिए भूखंड का इशान कोण में बढ़ा हुआ और अग्नि कोण में घटा हुआ होना चाहिए
भवन में पृथ्वी तत्व दक्षिण नेत्रत्व कोण को माना गया है इसलिए ये दिशाए ऊँची एवं भारी होना चाहिए भूखंड के निकट जलस्रोत पर विचार करना आवश्यक है भूखंड के निकट जलस्रोत में जल का प्रवाह पच्शिम दिशा से पूर्व दिशा की और होना चाहिए अगर आपके घर में जलस्रोत के लिए वाटर टैंक उत्तर पूर्व दिशाही होना चाहिए