Vastu vishleshan kya hai,वास्तु विशलेषण क्या है
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vastu purush vichar |
भवन में जल इशान पूर्व या उत्तर दिशा से आना चाहिए और इन्ही दिशाओ के जल का बाहर जाना चाहिए
भूखंड शुभ आकार का होना चाहिए भवन में वायु के लिए दरवाजा व् खिड़कियों सम संख्या में होनी चाहिए दीवारों के कोनो में खिडकिया कभी नहीं बनाये भवन का ढलान हमेशां उत्तर पूर्व या इशान कोण में होना चाहिए भवन मे सोईघर हमेशा अग्नि कोण में हि होना चाहिए | भूखंड में जल स्रोत पूर्व उत्तर -पूर्वी इशान अथवा उत्तरी इशान में होना चाहिए
ठीक इशान कोण में जलस्रोत शुभ फलदायक नहीं होता है भवन में प्रयोग किया गया जल इशान कोण से बाहर आये तो शुभ फलदायक पर शोचालय का प्रयोग किया हुआ जल वायव् कोण से ही बाहर जाना चाहिए
भूमि गत पानी की टंकी पूर्वी अथवा उत्तरी इशान कोण में ही होना चाहिए स्वीमिंग पुल के लिए भी यह जगह निर्धारित है परन्तु छत पर रखी जाने वाली टंकी भवन के नेत्रुत्व कोण में ही रखना चाहिए तथा टंकी में पानी पूर्व या उत्तर दिशा में रखा जल तत्व स्वच्छता व् शुद्धता का प्रतीक है
अतः भूखंड या भवन का इशान कोण साफ रखे ईशान कोण में पूजा स्थल का निर्माण सुखसमृद्धि दायक होता है ईशान कोण को अत्यधिक सवेदिनशील होता है इस कोण में कोई भी अपवित्र अशुद्ध वस्तु नहीं रखना चाहिए
इशान कोण में झाड़ू पोछा या कचरा का डस्टबिन नहीं रखना चाहिए
वायु तत्व के लिए भवन में दरवाजा एवं खिडकियों पर विचार करना चाहिए भवन में उच्च कोटि का मुख्य द्वार बनवाना चाहिए उत्तरी ईशान पूर्वी इशान दक्षिणी आग्नेय पच्शिम वावव्य में मुख्य द्वार होना चाहिए vastu के अनुसार आपके दरवाजा व् खिडकिया की सख्या सम होनी चाहिए लेकिन अगर आपके भवन में सीढी व् रसोईघर और पानी का टैंक अगर vastu के अनुसार बना हुआ है तो सम विसम का कोई फर्क नहीं पड़ता है