Vastu Tips- Condition of all Parts of the Building,भवन के सभी अंगो की स्थिति
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Home Plan Vastu भारतीय vastu शास्त्र में भवन के प्रत्येक अंगो की स्थिति निश्चित है इस सम्बन्ध में कुछ निर्देश दिए गये है
आज कल खुले हुए आंगन नहीं बनाये जाते है | तर्क यह है की इससे चोर आदि का खतरा रहता है | यह सही भी है ,किन्तु इसके अन्य उपाय भी किये जा सकते है | भारतीय ऋषि मुनियोने ब्रह्मस्थान को खुला छोड़ने का निर्देश दिया है | इस स्थान विशेष की सीमा का भी रेखांकन किया गया है इस जगह पर कोई निर्माण करना वर्जित है भूमि का ब्रह्म स्थान का निर्धारण सूर्य ,चन्द्र एवं भूमि के केन्द्रीय बल को ध्यान में रख क्र किया गया ह|जितना आवश्यक हमारे लिए हवा,जल,भूमि,भोजन है उतना ही आवश्यक आकाश तत्व है |आकाश तत्व आकाश से विकसित होता है | यह तत्व सूर्य,चन्द्र एवं तारो की रश्मियों तथा वातावरण की उर्जा किरणों के रूप में यहा गिरते रहते है यदि यह बाधित हो गया तो आप जीवनी शक्ति का अभाव महसूस करेंगे अत: यह स्थान खुला छोड़े यह एक मंजिला घर में तो सम्भव है लेकिन बहु मंजिला घर में नहीं है फिर भी बहुत लोग यह खुला स्थान छोड़ते है Dining-डाइनिंग हॉलप्राचीन काल में भोजन रसोईघर में बनाया जाता था और रसोईघर के बाहर भोजनालय होता था जिसका आज dining hall नाम से जाना जाता है Kitchen-रसोईघररसोईघर हमेशा आग्नेय कोण में ही होना चाहिए रसोईघर पूर्व एवम पश्चिम में भी बनाया जा सकता है लेकिन कुछ गणना करनी पडती है उस गणना के अनुसार बना सकते है Electric point- बिजलीघरबिजली के मीटर, फियुज बॉक्स main स्विच आग्नेय कोण में ही होना चाहिए इसे रसोईघर के पास छोटा सा बॉक्स में लगा सकते है Store room भंडार गृह:-इसे स्टोर भी कहते है यह आग्नेय कोण के मध्य पूर्वी दिवार के सहारे या उत्तर दिशा या इशान कोण के मध्य उत्तर दिवार के सहारे बनाना चाहिए एकदम ईशान कोण में नहीं बनावे Draingroom:-ड्राइंग रूमआजकल बहुत सारे लोग ड्राइंग रूम सेंट्रल होल में लगवा देते है यदि सेंट्रल हॉल ब्रह्म स्थान में है तो यह बहुत शुभ है यह वाव्यव या इशान कोण के मध्य होना भी शुभ है Bathroom/To-let स्नानघर /शोचालय
Guest room: मेहमान कक्षगेस्ट रूम उत्तर या पश्चिम में बनाया जा सकता है ,गेस्ट रूम वाव्यय कोण में भी बनाया जा सकता है Garage कर पार्किगगेराज भवन के दक्षिण पूर्व या उत्तर पश्चिम कोण में दिशा (वाव्यव ,आग्नेय )में बनाना चाहिए और गेराज का इशान कोण खाली रखना चाहिए | ईशान कोण में गेराज कदापि नहीं बनाये Basemant- तहखानाप्राचीन vastu शास्त्र में तहखाना का निर्माण अच्छा नहीं समझा जाता है |यदि बनवाना जरुरी होतो पूर्व या उत्तर की और बनवाए और वह भी भवन के निर्माण के एरिया के चौथा भाग में ही बनवाए तहखाना में vastu शास्त्र के अनुसार विलक्षण चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न होता है और यह रहस्यमय भाव को जन्म देता है |इसलिए ऐसा निर्माण प्राचीनकाल में वाममार्गी साधक या तंत्रमार्गी क्रिया करते थे सम्पूर्ण भवन में तहखाना कभी नहीं बनाये इस से हानि होगी Stair सिढीया
Servant room नोकर कक्षदक्षिण पूर्व या उत्तर पूर्व में बनाया गया सेवक कक्ष शुभ होता है |परन्तु इशान कोण को बाधित नहीं करे उत्तर की तरफ से पूर्व की और झुका हुआ हो Balcony- बालकोनीबालकोनी ईशान कोण वाव्यव कोण ईशान कोण के उत्तर की और या अग्नि कोण पर उत्तर की और या आग्नेय कोण के दक्षिण की और बनवानी चाहिए Porch -बरामदाभवन में आजकल आंगन नहीं छोड़ा जाता है अत: बरामदे का प्रचलन भी खत्म गया है यदि इसे बनवाना हो तो वाव्यव कोण या ईशान कोण को चूता हुआ बनवाए
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